रानीखेत में हो रहा है सैन्य अभ्यास
एक तरफ दक्षिणी चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागिरी और दूसरी तरफ पाकिस्तान के प्रति बढ़ते प्रेम का जवाब भारत और अमेरिकी सेनाओं ने उत्तराखंड में मौजूद चीनी सीमा से सिर्फ 250 किलोमीटर दूर सैन्य अभ्यास करके दिया है। पिछले ही दिनों भारत से लगी सीमाओं पर अपना आधुनिक लड़ाकू जेट विमान डब्ल्यूजेड-10 तैनात कर चीन ने भारत को आंख दिखाने की कोशिश की थी लेकिन भारत और अमेरिका के सैन्य अभ्यास ने एक बार फिर उसकी नींद उड़ा दी होगी।
गौरतलब है कि सैन्य ताकत के मामले में विश्व के दो बड़े देश भारत और अमेरिका के बीच रानीखेत के पास चौबटिया में 12वां संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास गुरूवार से शुरू हो गया है। युद्धाभ्यास के शुभारंभ मौके पर आयोजित प्लैग मार्चपास्ट की सलामी भारतीय सेना के ब्रिगेडियर अनिल कुमार राशिद और अमेरिकी सेना के ब्रिगेड कमांडर फाले ने संयुक्त रूप से ली। ये सैन्य युद्धअभ्यास आतंकवाद के खात्मे और रक्षा सहयोग के उद्देश्य से किया जा रहा है।
भारतीय सेना के गरूड़ डिवीजन के मैदान में भारत और अमेरिका के बीच शुरू हुए इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व कांगो ब्रिगेड के जवान और अमेरिकी सेना का प्रतिनिधित्व इंफेट्री डिवीजन के जवान कर रहे हैं। दोनों देशों की 225 सैनिकों की टुकड़ी इस युद्धाभ्यास में भाग कर रही है।
अमेरिकी सेना ने भारतीय फौज को बताया शांतिप्रिय और बहादुर
अमेरिकी सेना के अधिकारियों ने माना कि भारतीय फौज शांतिप्रिय होने के साथ ही बहादुर भी है। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों ने इस युद्धाभ्यास के माध्यम से आतंकवाद से निपटने के लिए मिलजुल कर प्रयास करने की बात कही। इस युद्धाभ्यास के जरिए दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने, संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के मुताबिक आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त आपरेशन चलाने, तकनीक कौशल पर ध्यान देने, संचार उपकरणों, विस्फोटकों, डिटेक्टर लगाने का अभ्यास, सैनिकों को टैक्निकल ड्रिल में पारंगत बनाने का प्रयास किया जाएगा।
इस सैन्य अभ्यास में भारत की बेटी अमेरिकी फौज की अधिकारी सार्जेंट बलरीत कौर दूसरी बार भाग ले रही हैं। चड़ीगढ़ में पैदा हुई बलरीत साल 2006 में अमेरिकी सेना में शामिल हुई थी। जबकि अमेरिकी सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल कूप अब तक 6 बार संयुक्त युद्धाभ्यास में भाग ले चुके हैं। संयुक्त युद्धाभ्यास के लिए चौबटिया में चप्पे चप्पे पर सेना तैनात की गई है।
जानिए भारत और चीन में कौन से हैं मुख्य विवाद
बता दें कि दोनों देशों के बीच विवाद की सबसे बड़ी वजह है सीमा है। भारत- चीन के बीच 4 हजार किमी की सीमा है जो कि निर्धारित नहीं है। इसे LAC कहते हैं। भारत और चीन के सैनिकों का जहां तक कब्जा है वही नियंत्रण रेखा है। जो कि 1914 में मैकमोहन ने तय की थी, लेकिन इसे भी चीन नहीं मानता और इसीलिए अक्सर वो घुसपैठ की कोशिश करता रहता है।
विवाद की दूसरी अहम वजह है अरुणाचल प्रदेश- चीन अरुणाचल पर अपना दावा जताता है और इसीलिए अरुणाचल को विवादित बताने के लिए ही चीन वहां के निवासियों को स्टेपल वीजा देता है जिसका भारत विरोध करता है। इस विवाद की तीसरी वजह है अक्साई चिन रोड- लद्दाख में इसे बनाकर चीन ने नया विवाद खड़ा किया।
विवाद की चौथी वजह पर बात करें तो चीन ने जम्मू-कश्मीर को भारत का अंग मानने में हमेशा आनाकानी की है जो कि भारत को नागवार गुजरता है। इसके अलावा पीओके को पाकिस्तान का भाग मानने में चीन को कभी कोई आपत्ति नहीं हुई। बता दें कि पीओके में चीनी गतिविधियों में पिछले दिनों में काफी इजाफा हुआ है। हाल ही में चीन ने यहां 46 बिलियन डॉलर की लागत का प्रोजेक्ट शुरू किया है जिससे भारत खुश नहीं है
विवाद की एक और बड़ी वजह है तिब्बत। इसे भारतीय मान्यता से चीन खफा रहता है। इसके आलावा ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाकर चीन सारा पानी अपनी ओर मोड़ रहा है जिसका भारत विरोध कर रहा है। उधर दक्षिणी चीन सागर और हिंद महासागर में भी चीन का आक्रामक रवैया भारत को नापसंद है।
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