प्‍यांगयांग। पिछले दिनों नॉर्थ कोरिया ने पांचचां सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण कर डाला है। इस परीक्षण से अगर अमेरिका और जापान की नींद उड़ी हुई है तो भारत भी कम परेशान नहीं हैं। जी हां, नॉर्थ कोरिया का परमाणु टेस्‍ट भारत के लिए आने वाले समय में एक बड़ा खतरा बन सकता है और वह खतरा होगा पाकिस्‍तान की तरफ से।
प्‍लूटोनियम लैस परीक्षण
नॉर्थ कोरिया ने जो परमाणु परीक्षण किया है माना जा रहा है कि एक प्‍लूटोनियम आधारित डिवाइस है।
यह भारत के वर्ष 1998 में हुए परमाणु परीक्षण से काफी मिलता-जुलता है।

सुरक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि सिर्फ प्‍लूटोनियम आधारित डिवाइस के साथ किसी भी आकार के हथियार को कैसे भी प्रयोग किया जा सकता है, इसे इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि यह आसानी से किसी भी मिसाइल और दूसरे सिस्‍टम में फिट हो सके।
इसके अलावा हाइलेंरिच्‍ड यूरेनियम (एचईयू) एक दूसरे प्रकार का एक्‍सप्लोसिव बेस होता है। इस बेस को बॉम्बिंग के लिए प्रयोग किया जाता है।
पाक कर सकता है प्‍लूटोनियम का उत्‍पादन
वहीं प्‍लूटोनियम को आज मध्‍यम और लंबी दूरी के हथियार सिस्‍टम के लिए एकदम सही माना जाता है। भारत हमेशा से इस बात का अनुमान लगाता आया है कि पाकिस्‍तान ने जब वर्ष 1998 में परमाणु परीक्षण किया था तो वह प्‍लूटोनियम डिवाइस को टेस्‍ट नहीं कर पाया था।
पाकिस्‍तान के खुशाब रिएक्‍टर्स जो कि हथियारों के लिए प्‍लूटोनियम का उत्‍पादन कर सकता था, वह इस टेस्‍ट के बाद काफी संवेदनशील हो गया था।
विशेषज्ञ कहते हैं कि प्‍लूटोनियम आधारित हथियारों को तैयार करने के लिए कई तरह के परीक्षण की जरूरत पड़ती है। टेस्‍ट का डाटा अगले कदम के लिए काफी नाजुक माना जाता है।

क्‍यों है भारत के लिए चिंता की बड़ी वजह
भारत के लिए परेशानी की बात यह है नॉर्थ कोरिया ने जो परीक्षण किया है, वह पाक के साथ इसकी फाइडिंग्‍स को साझा कर सकता है। अगर ऐसा हुआ तो फिर इसके काफी गहरे असर हो सकते हैं।
नॉर्थ कोरिया की ओर से साझा जानकारियां पाक के छोटे हथियारों की क्षमता को बढ़ा सकती है, जो कि पाक सेना के लिए काफी अहम साबित हो सकते हैं।

यह ऐसे हथियार होते हैं जिन्‍हें छोटी दूरी की मिसाइलों पर फिट करके किसी आसपास के इलाके में फायर किया जा सकता है।

भारत को निशाना बना सकती है पाक सेना
पाक सेना हमेशा से कहती आई है भारत रक्षा संस्‍थानों को निशाना बनाने के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाना होगा। परमाणु के मामले में पाक हमेशा से संपन्‍न देश है लेकिन इसके पास डिलीवरी सिस्‍टम की कमी है।
नॉर्थ कोरिया हो सकता है कि इस कमी को उसके पास मौजूद नोडॉन्‍ग-1 टेक्‍नोलॉजी से दूर कर के। इस टेक्‍नोलॉजी की वजह से ही आज पाकिस्‍तान के पास गौरी मिसाइल है।
पाक की नई मिसाइल के लिए टेक्निक
पाक ने इसके बदले नॉर्थ कोरिया के साथ परमाणु संवर्धन की टेक्‍नोलॉजी साझा की थी। नॉर्थ कोरिया ने भी वर्ष 2010 में पाक मॉडल पी-2 का प्रदर्शन किया था।
अब तक पाकिस्‍तान के पास अपनी नई नसर मिसाइल के लिए परमाणु हथियार डिजाइन करने के लिए क्षमता नहीं हैं। लेकिन नॉर्थ कोरिया के नए टेस्‍ट ने पाक के लिए इस 60 किमी की दूरी पर मार कर सकने वाली मिसाइल को लेकर नई उम्‍मीदें पैदा कर दी हैं।
Source: hindi.oneindia.com