बीफ खाना अपराध क्यों, हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा

दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार और पुलिस से दिल्ली मवेशी संरक्षण अधिनियम में गोमांस रखने और उसकी खपत से अपराध के प्रावधानों को रद्द किया जाने को लेकर जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की खंडपीठ ने आम आदमी पार्टी की सरकार से आठ दिसंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले में चार मई को जनहित याचिका दाखिल की गई थी। यह याचिका अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन ने दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि खाने का अधिकार जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का एक अभिन्न हिस्सा है।
याचिका में कहा गया है कि संविधान जनादेश में राज्य को किसी एक विशेष धार्मिक प्रथा के खिलाफ कानून बनाने का अधिकार नहीं है। दिल्ली मवेशी संरक्षण अधिनियम में बीफ को रखने और उसकी खपत याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और इसी तरह से अन्य व्यक्तियों की स्वतंत्रता का भी उल्लंघन है।

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