दलितों ने दिया अमिताभ को 'गुजरात की बदबू' सूंघने का न्‍यौता

करीब 1100 दलितों ने बॉलिवुड के महानायक और गुजरात टूरिज्म के ब्रांड एंबेस्डर अमिताभ बच्चन को बदबू गुजरात की शीर्षक से पोस्टकार्ड भेजे हैं। दलितों ने ये पोस्टकार्ड अपने ऊपर हो रही पीएम मोदी के गृह राज्य में जादतियों का विरोध जताते हुए लिखे हैं।
इस आयोजन को गुजरात के कलोल से एक सभा में दलित, ऊना दलित अत्याचार संघर्ष समिति के बैनर तले शुरू किया गया है। अमिताभ को लिखे पोस्‍टकार्ड में कहा गया है कि मोदी जी के कहने पर आपने खुशबू गुजरात की देखी।

अब हमने मृत पशुओं की खाल निकालने का काम छोड़ दिया है। इसलिए कुछ दिन तो गुजारिए गुजरात में और देखिए बदबू गुजरात की। दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि सैकड़ों मरी हुए पशु पड़े हैं राज्‍य में और दलित चाहते हैं कि इस अमिताभ आएं और उनकी बदबू का आनंद लें।
ऊना में पिटाई के विरोध में लिखा खत


गौरतलब है कि गुजरात टूरिज्म के ब्रांड एंबेस्डर के तौर पर विज्ञापनों में अमिताभ बच्चन की ये लाइन खासी चर्चा में रही थी- '...कुछ दिन तो गुजारिए गुजरात में।' जुलाई में गुजरात के ऊना में जानवर की खाल निकालते दलितों की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद कई हफ्ते तक दलितों के संगठनों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किए थे।

साथ ही इस मामले में निलंबित चार पुलिसवालों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अवाला लगभग 30 अन्य अभियुक्तों को भी गिरफ्तार किया गया था। उल्लेखनीय है कि जिग्नेश मेवाणी ने 15 अगस्त की रैली में 10 हजार से ज्यादा लोगों को शपथ दिलाई थी कि वो 'अब मृत पशु की खाल नहीं निकालेंगे और गटर में उतरकर सफाई नहीं करेंगे।''

मेवाणी का कहना है कि इस प्रकार के पोस्टकार्ड अभी अन्य शहरों से और भेजे जाएंगे। इसके अलावा एक पोस्टकार्ड अमिताभ को मुंबई देने के लिए दलित नेताओं का दल मुंबई भी जाएगा।

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