चीन कोई शक्ति नहीं, भारत साथ आए तो बीजिंग से भी चीनी झंडा उखाड़ा जा सकता है


चीन कोई शक्ति नहीं, भारत साथ आए तो बीजिंग से भी चीनी झंडा उखाड़ा जा सकता है

जिस तरह भारत के चीन से रिश्ते है उसी तरह चीन के पडोसी देश ताइवान से भी रिश्ते है
ताइवान तथा चीन में 36 का आंकड़ा है

यही नहीं दोनों देशों के नागरिक भी एक दूसरे से नफरत करते है और उसका कारण है चीन का अतिक्रमण जो ताइवान को बिलकुल पसंद नहीं

ताइवान बड़े पैमाने खरीदता है, अमरीका का सबसे बड़ा हथियार खरीददार ताइवान ही है
आये दिन ताइवान में चीन के खिलाफ प्रदर्शन होते ही रहते है
तथा ताइवान की सरकार नागरिको को बिल्कुल निर्भीक होने का पाठ भी पढ़ाती रहती है ताकि आपातकाल की स्तिथि में पूरा ताइवान चीन को मुहतोड़ जवाब दे सके

ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन के कार्यालय ने हाल ही में जनता के उत्साह हो बढ़ाने के लिए सन्देश दिया है
जिसमे राष्ट्रपति का कहना है की ताइवान कभी नहीं झुकेगा

राष्ट्रपति का कहना है की, चीन कोई शक्ति नहीं है और वो भ्रम में ना रहे, आज चीन ने अपने चारो तरफ शत्रु बनाये हुए है, चीन के लगभग सभी पडोसी उस से परेशान है चाहे जापान हो, भारत हो, विएतनाम हो, फिलीपींस हो, दक्षिण कोरिया हो, मंगोलिया हो
आज चीन के चारो ओर ही शत्रु हैं

चीन कभी ताइवान को नहीं आँख दिखा सकता, अगर भारत जैसे देश हमारे साथ आये जो की चीन के अतिक्रमण से परेशां है तो हम बीजिंग के अंदर घुसकर भी चीन का झंडा उखाड़ सकते है

राष्ट्रपति कार्यालय का कहना है की चीन बस धमकी दे सकता है पर उसकी हैसियत नहीं है की वो युद्ध करे, युद्ध के हालात में चीन के खिलाफ सभी पडोसी साथ खड़े हो सकते है जो चीन को पल भर में जमीन पर लाकर पटक सकते है अतः हमे चीन की आँख का जवाब अपनी आँख से देना है

आपको बता दें की ताइवान एक आक्रामक देश है तथा विएतनाम की तरह ताइवान भी भारत से ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल खरीदने में दिलचस्बी दिखा रहा है

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