दलाई लामा को बुलाने पर चीन ने ताइवान को चेताया

चीन ने दलाई लामा को दौरे की अनुमति देने पर ताइवान को चेतावनी दी है। चीन ने बुधवार को ताइवान से कहा कि इससे संबंधों पर भारी असर पड़ेगा।
ताइवान के एक सांसद ने तिब्बत के निर्वासित आध्यात्मिक धर्मगुरु को स्वशासित द्वीप आने का बुलावा भेजा था। ताइवान पर अधिकार का दावा करने वाले चीन ने ताइपे के राष्ट्रपति साइ इंग-वेन को कहा कि वह (चीन) इस तरह के दौरे के सख्त खिलाफ है।
चीन के ताइवान मामलों के प्रभारी मा शिआओगुआंगन ने बताया, ताइवान में कुछ बलों का इरादा तिब्बत की आजादी की मांग करने वाले अलगाववादियों से सांठ-गांठ करने का है। हम दलाई लामा के किसी भी रूप में ताइवान दौरे का कड़ा विरोध करते हैं।
अलगाववादी मानता है चीन
चीन दलाई लामा की विभिन्न देशों की यात्राओं का नियमित रूप से विरोध करता रहा है। उसका मानना है कि वह एक अलगाववादी हैं और चीन को तोड़ने पर तुले हैं।
दलाई लामा को ताइवान के मशहूर गायक और चीन के मुखर आलोचक फ्रेडी लिम ने बुलावा भेजा था। लिम को इस साल ताइवानी संसद में चुना गया। उन्होंने कथित तौर पर पिछले सप्ताह धर्मशाला में दलाई लामा से मुलाकात भी की थी।
बिगड़ रहे संबंध
ताइवान और चीन के संबंधों में नियमित रूप से गिरावट आ रही है। पिछले साल पूर्व ताइवानी राष्ट्रपति मा यिंग-जियोउ के नेतृत्व में इन संबंधों में सुधार देखने को मिला था। ताइपे की रिपोर्ट के अनुसार चीन से आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है। वर्ष 1989 में नोबल शांति पुरस्कार पाने वाले दलाई लामा (81) कम्यूनिस्ट शासन के खिलाफ विफल विद्रोह के बाद 1959 में निर्वासन के तहत भारत चले गए थे।

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