हिंदी दिवस पर विशेष: हिंदी के बारे में 10 शानदार कोट्स

हिंदी बदल रही है और पूरी रौ में आगे बढ़ रही है, लेकिन स्थितियां हमेशा ऐसी नहीं थी, हमारी राष्ट्रभाषा को भी यहां तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। भारत के नेताओं और साहित्यकारों ने हिंदी के बारे में काफी कुछ लिखा और कहा है। 14 सितंबर से शुरू हो रहे हिंदी पखवाड़े को सेलिब्रेट करते हुए पढ़िए हिंदी भाषा के बारे में लिखी गई 15 पंक्तियां... ।
1. राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है: महात्मा गांधी

2. मैं दुनिया की सभी भाषाओं की इज्जत करता हूं पर मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, यह मैं सह नहीं सकता: आचार्य विनोबा भावे

3.
जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य का गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता: डॉ. राजेंद्र प्रसाद

4. हमारी नागरी लिपि दुनिया की सबसे वैज्ञानिक लिपी है: राहुल सांकृ्त्यायन

5. हिंदी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्त्रोत है: समित्रानंदन पंत

6. सभी भारतीय भाषाओं के लिए यदि कोई एक लिपि आवश्यक है, तो वो देवनागरी ही हो सकती है: जस्टिस कृष्णस्वामी अय्यर

7. हिंदी का प्रचार और विकास कोई रोक नहीं सकता: पंडित गोविंद बल्लभ पंत

8. 'यद्यपि मैं उन लोगों में से हूँ, जो चाहते हैं और जिनका विचार है कि हिंदी ही भारत की राष्ट्रभाषा हो सकती है': लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक

9. हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा तो है ही, यही जनतंत्रात्मक भारत में राजभाषा भी होगी: सी. राजगोपालाचारी

10. प्रान्तीय ईर्ष्या-द्वेष को दूर करने में जितनी सहायता इस हिंदी प्रचार से मिलेगी, उतनी दूसरी किसी चीज़ से नहीं मिल सकती: सुभाषचंद्र बोस

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